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खाना खजाना >> क्या खायें और क्यों खायें

क्या खायें और क्यों खायें

डॉ. मधुर अग्रवाल

प्रकाशक : रोजगार प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :256
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 15986
आईएसबीएन :9788190591003

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भोजन द्वारा चिकित्सा

इस पुस्तक की विशेषतायें


यों तो इस विषय पर बाजार में अनेक पुस्तकें उपलब्ध हैं लेकिन उन सभी में केवल उन्हीं बातों को दोहराया जाता है जिन्हें सामान्य रूप से प्रत्येक व्यक्ति भली-भाँति जानता ही है। प्रस्तुत पुस्तक औरों से भिन्न है। इस पुस्तक में मैंने अनेक नई और वैज्ञानिक जानकारियों को देने का प्रयास किया है। पाठकों की सुविधा के लिये पुस्तक को अलग-अलग अनेक अध्यायों में बाँटा गया है।

प्रथम अध्याय में- आहार (भोजन) का विस्तृत परिचय जैसे- आहार क्या है, आहार का महत्व, आहार के उपयोग- आदि दिये गये हैं। इसी अध्याय में ऐसी अनेक विशेष जानकारियों को भी दिया गया है जिनको जानना आपके लिये अत्यन्त आवश्यक है लेकिन अन्य किसी पुस्तक में उनका उल्लेख तक नहीं मिलता है।

द्वितीय अध्याय में- किसी व्यक्ति के पूर्ण भोजन में कौन-कौन से पोषक तत्व होने चाहिये, उन पोषक तत्वों की क्या उपयोगिता और उन पोषक तत्वों की प्राप्ति किन-किन खाद्य-पदार्थों से हो सकती है यह समस्त जानकारी दी गई है। विषय को सरल ढंग से समझाने के लिये अनेक तालिकायें (चार्ट) भी दी गई हैं। तृतीय अध्याय में- पौष्टिक भोजन और उसकी मात्रा के सन्दर्भ में बताया गया है। चतुर्थ अध्याय में- भोजन संबंधी अन्य आवश्यक जानकारियों को दिया गया है।

पाँचवें अध्याय में कुछ विवादित पदार्थों (जैसे- अण्डा, माँस, तम्बाक) का विस्तृत एवं तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया गया है ताकि आप यह समझ सकें कि इन पदार्थों का सेवन लाभप्रद है या हानिप्रद। छठवें अध्याय में- भोजन संबंधी शिष्टाचार बताये गये हैं जिन्हें सीखकर आप सभ्य और सुसंस्कृत नागरिक बन सकते हैं।

आगे के अध्यायों में- मानव को सताने वाले सभी छोटे-बड़े रोगों का केवल खाद्य-पदार्थों से ही उपचार दिया गया है। समस्त सामग्री को अलग-अलग अध्यायों में विभाजित किया गया है ताकि आप किसी भी रोग-विशेष का उपचार आसानी से तुरन्त ढूँढ़ सकें।

पुस्तक के अंतिम अध्याय में- विविध फल-सब्जियों के केवल रस (जूस) द्वारा ही सभी रोगों का उपचार प्रस्तुत किया गया है।

इस प्रकार से मेरा उद्देश्य यही रहा है कि- यह पुस्तक स्वयं में एक 'सम्पूर्ण मार्गदर्शक (कम्पलीट गाइड)' बन पाये। कोई जरूरी बात छूट न जाये, इसका भी विशेष ध्यान रखा गया है। पुस्तक की भाषा भी अत्यन्त सरल रखी गयी है ताकि सामान्य पढ़ा-लिखा आदमी भी इसे आसानी से समझ सके।

इस पुस्तक से- आम आदमी तो लाभान्वित होंगे ही, साथ-ही-साथ, सभी चिकित्सकों और छात्रों का भी पर्याप्त ज्ञानवर्द्धन होगा- ऐसा मुझे दृढ़ विश्वास है।

इस पुस्तक के माध्यम से सभी मानव- रोग और अवसाद रूपी अन्धेरी बीथियों से बाहर निकलकर 'आरोग्य रूपी प्रकाश' की ओर चलेंईश्वर से यही प्रार्थना है।

- डॉ० मधुर अग्रवाल


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